शार्ट स्टोरी लेखन चेलैन्ज भाग 14 स्त्री का सम्मान
आज रोहित अपने बास से अच्छी डांट खाकर आया था। उसको बहुत शर्म भी आरही थी और क्रोध भी आरहा था। रोहित का मूड खराब था।और उसकी सबसे पहले अपनी पत्नी नीलम से ही मिलना होगया। नीलम के पीछे सभी लोग खडे़ उसकी प्रतीक्षा कर रहे थे क्यौकि आज वह काफी लेट आया था।
"क्या बात आज कुछ परेशान लगरहे हो ?" नीलम ने पानी का गिलास हाथ में देते हुए पूछा।
नीलम ने वही प्रश्न पुनः पूछा इससे रोहित का पारा और हाई होगया और वह अपने बास का गुस्सा नीलम पर उतारता हुआ बोला," तुम्है क्या मालूम मुझे तुम्हारे लिए किस किस की कितनी बाते सुननी पड़ती है। तुम्है घर मे बैठे बहुत बातें आती है। तुम करती ही क्या हो।घर में बैठे रहना। आज तीस साल से तुम्हारी बक बक सुन सुन कर बोर होगया हूँ। अब बहुत होगया तूने तो अपने बच्चौ को भी कुछ नही सिखाया बस रोटी बनाना कपडे़ धोना इसके अलावा क्या आता है तेरे बच्चे भी तेरी बात नही मानते है हमें देखो आफिस मे बास की डाट घर आजाय तब आप सभी की फरमाइस शुरूहोजाती है कभी बच्चे अपनी फरमाइसौ की लाइन लगा देते है।तू इन बातौ को क्या समझेगी।
रोहित द्वारा सबके सामने इस तरह डांट खाकर नीलम पूरी रात सोचती रही कि बास्तव में मैने आजतक किया ही क्या है? और जब मैने किसीहके लिएक्षकुछ किया ही नही तो अब यहाँ रहने का फायदा ही क्या है बैसे भी अब मेरी किसी को क्या जरूरत है। अब यहाँ से जाना ही ठीक रहेगा।
और नीलम ने अपने पति को एक छोटा सा पत्र लिखा ।
आज आपकी बातौ पर मैने काफी सोचा कि मैने बास्तव में आज तक आप लोगौ के लिए क्या है। मै भी अपनी सहेलियौ की तरह पंख लगाकर उड़ना चाहती थी। परन्तु घर की मजबूरी बस मेरे पंख उगने से पहले ही काट दिये गये थै मेरा भी सपना था कि मै एक डाक्टर बनू लेकिन नहीं बन सकी मेरे बार बार मना करने के बाद भी पेरे पैरौ में शादी के नाम की बेडि़या डाल दी गयी।
मै अपनी माँ के सामने बहुत रोई परन्तु मेरी माँ भी मेरी तरह कटे पंख वाली हीथी। शादी के समय दादी व माँ के भाषणौ का दौर शुरू होगया। पति परमेश्वर होता है सास ससुर भी धर्म के मम्मी पापा है उनकी सेवा करना तुम्हारा कर्तब्य है। घर की इज्जत के लिए कुछ भी दाव पर लगाना हो लगा देना।
इसके बाद जब ससुराल आई तब अपनी पसन्द नापसन्द सब भूल गयी याद रहा कि सासु माँ को गरम पानी कब देना है ससुर को डाइबिटीज की दवा कब देनी है सुबह आपका टिफिन लगाना और कपडे। धोना आदि। इसके बाद बच्चे बडे़ हुए तो उनको तैयार करके स्कूल भेजना फिर स्कूल से लाना ।कुछ दिन बाद बच्चे कहैगे तुमने हमारे लिए कुछ स्पेशल किया है क्या।
अब मै कुछ करना चाहती हूँ इसलिए जारही हूँ मुझे खोजने की कोशिश मत करना।
यह खत उसने मेज पर खाली गिलास के नीचे रख दिया।
जब सुबह हुई तब कोई आवाज लगा रहा है कि बहू आज गरम पानी क्यौ नही दिया सास की आवाज आरही थी कि बहू कहाँ मरगयी अभी चाय नही लाई है। कुछ देर बाद बच्चे चीख रहे थे मम्मी आप कहाँ हो हमे कालेज जाने में देर होरही है आज आपका अता पता ही नही है। फिर रोहित चीख पुकार सुनकर जाग गया।
रोहित ने पूछा," आज इतनी चीख पुकार क्यौ होरही है?"
बच्चे बोले " पापा मम्मी का कोई पता ही नही है कि वह कहाँ है हमे कालेज जाना है अभीतक खाना नही बना। नीलम को इधर उधर के पार्को मन्दिरौ सब जगह खोजा गया परन्तु वह कही नहीं मिली।
इसके बाद सभी रिश्तेदारियौ उसके मायके में फौन करके पता किया लेकिन नीलम वहाँ भी नहीं मिली।
रोहित ने एक बार तो सोचा कि पुलिस में रिपोर्ट लिखवादै परन्तु बदनामी के डर से उसने रिपोर्ट नहीं लिखवाई ।बैसे भी नीलम अपनी मर्जी से गयी थी।
रोहित को आज अपनेऊपर बहुत गुस्सा आरहा था कल उसने बाँस की डाट का सारा गुस्सा नीलम पर ही क्यौ निकाल दिया।
नीलम अपनी एक सहेली के पास गयी थी उसकी सहेली दूसरे शहर में एक बृद्धाश्रम चलाती थी। नीलम भी वहाँ पहुँचकर उसकी सहायता करने लगी ।नीलम अपने फौन घर पर ही छोड़ आई थी।
रोहित बहुत परेशान था वह नीलम से अपनी भूल की मांफी मांगना चाहता था परन्तु नीलम ने उसे मौका ही नही दिया था।
अब रोहित ने दो तीन समाचार पत्रौ मे अपना मांफी नामा निकलवाया और नीलम को बापिस आने के लिए कहा उसने अपनी भूल स्वीकार की।
नीलम ने जब समाचार पत्र में अपने पति का मांफी नामा पढा़ तब उसे उन पर दया आगयी और वह उनसे मिलने के लिए आतुर हौने लगी।
नीलम की सहेली उनकी आतुरता समझगयी और रोहित को फौन करके बुलबाया और पुनः दौनौ का मिलन करबाकर नीलम को उनके साथ घर बापिस भेज दिया।
अब सभी लोग अपना काम अपने आप करना सीख गये थे। वह नीलम की सहायता भी करते थे। रोहित भी अपना काम स्वयं करने लगा था।
नोट:- हमें इस कहानी से यह प्रेरणा मिलती है कि हमें स्त्री का सम्मान करना चाहिए । उसे केवल घर का नौकर नहीं समझना चाहिए। और अपने काम स्वयं करने चाहिए।
शार्ट स्टोरी लेखन चेलैन्ज के लिए रचना।
जानर :- प्रेरक
नरेश शर्मा
17/05/2022
Kusam Sharma
03-Jun-2022 09:01 AM
Nice
Reply
Neelam josi
21-May-2022 03:38 PM
Very nice 👍🏼
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Muskan khan
19-May-2022 11:38 AM
Very nice
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